रविवार, 30 जनवरी 2011

चैतुरगढ़

मैकल पर्वत श्रेणी में स्थित चैतुरगढ़ को "छत्तीसगढ़ के काश्मीर" के नाम से जाना जाता है। समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 3060 फीट है। यह मैकल पर्वत श्रेणी के उच्चतम चोटियों में से एक है। चैतुरगढ़ का क्षेत्र अलौकिक गुप्त गुफा, झरना, नदी, जलाशय, दिव्य जड़ी-बूटी तथा औषधीय वृक्षों से परिपूर्ण है। ग्रीष्म ऋतु में भी यहां का तापमान 30 डिग्री सेन्टीग्रेट से अधिक नहीं होता। अनुपम छटाओं से युक्त यह क्षेत्र अत्यन्त दुर्गम भी है।

ऐतिहासिक स्थान पाली, जो कि बिलासपुर कोरबा रोड पर 50 किलोमीटर दूर पर है, से लगभग 125 किलोमीटर दूर लाफा है जहाँ से चैतुरगढ़ 30 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है।

आदिशक्ति माता महिषासुर मर्दिनी का मंदिर, शंकर खोल गुफा आदि चैतुरगढ़ के दर्शनीय एवं रमणीय स्थल हैं। अद्वितीय सौदर्य से युक्त चामादहरा, तिनधारी और श्रृंगी झरना इस पर्वत श्रृंखला में ही स्थित हैं। यह जटाशंकरी नदी का उद्गम स्थल भी है। जटाशंकरी नदी के तट पर तुम्माण खोल नामक प्राचीन स्थान है जो कि कलचुरी राजाओं की प्रथम राजधानी थी।

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