बुधवार, 5 जनवरी 2011

होली आई! होली आई!

होली आई होली आई
पिचकारी के सपने लाई

भूल भाल कर सारे वैर
फगवा खेलें सब मिल भाई
धरती दुल्हन सी लगती है
अबीर ने ली है अंगड़ाई

होली आई होली आई
पिचकारी के सपने लाई

गुल्ले खाओ गुझिया खाओ
मिल कर खाओ खूब मिठाई
चौटाल गाओ फगवा गाओ
पिचकारी ने धूम मचाई

होली आई होली आई
पिचकारी के सपने लाई

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